उपमा अलंकार | उपमा अलंकार के 10 उदाहरण

 उपमा अलंकार की परिभाषा

उपमा अलंकार


(1)उपमा अलंकार(Simile) :- समान धर्म के आधार पर जहाँ एक वस्तु की समानता या तुलना किसी दूसरी वस्तु से की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता हैं।

'उप' का अर्थ है- 'समीप से' और 'मा' का तौलना या देखना।


'उपमा' का अर्थ है- एक वस्तु दूसरी वस्तु को रखकर समानता दिखाना। अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समान धर्म के कारण समानता दिखाई जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकार होता है।

  1. चाँद सा मुख - यहाँ मुख की तुलना चाँद से की गई है।
  2. नील गगन सा शांत हृदय - हृदय की तुलना नील गगन से की गई है।
  3. हाय फूल सी कोमल बच्ची - बच्ची की कोमलता की तुलना फूल से की गई है

उपमा के चार अंग होते हैं-
(a) उपमेय- जिसकी उपमा दी जाय, अर्थात जिसकी समता दूसरे पदार्थ से दिखलाई जाय। उसे उपमेय कहते हैं।
जैसे- उसका मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है। वाक्य में 'मुख' की चन्द्रमा से समानता बताई गई है, अतः मुख उपमेय है।

(b) उपमान- जिससे उपमा दी जाय, अर्थात उपमेय को जिसके समान बताया जाय। उसे उपमान कहते हैं।
जैसे- उपमेय (मुख) की समानता चन्द्रमा से की गई है, अतः चन्द्रमा उपमान है।

(c) साधारण धर्म- धर्म जिस गुण के लिए उपमा दी जाती है, उसे साधारण धर्म कहते हैं।
जैसे- उक्त उदाहरण में सुन्दरता के लिए उपमा दी गई है, अतः सुन्दरता साधारण धर्म है।

(d) वाचक- उपमेय और उपमान के बीच की समानता बताने के लिए जिन वाचक शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें ही वाचक कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में- जिस शब्द के द्वारा उपमा दी जाती है, उसे वाचक शब्द कहते हैं।

उपर्युक्त उदाहरण में समान शब्द वाचक है। इसके अलावा 'सी', 'सम', 'सरिस' सदृश शब्द उपमा के वाचक होते है।